मै सरकारी ऑफिस हूं, अब मै लबालब भर गया हूं। मै सरकारी ऑफिस हूं, अब मै लबालब भर गया हूं।
मैं मांगू आसमां और रब से तुझे। तुम मेरी आंखों के अश्क की धारा हो। मैं मांगू आसमां और रब से तुझे। तुम मेरी आंखों के अश्क की धारा हो।
प्रथ्वी अपनी अंक में लिए घूमती है मुझे। मां के आंचल में छिपा निर्मल हूं। प्रथ्वी अपनी अंक में लिए घूमती है मुझे। मां के आंचल में छिपा निर्मल हूं।
हां मैं थोड़ी ऐसी हूँ, तुम जैसा सोचो मैं वैसी हूँ! हां मैं थोड़ी ऐसी हूँ, तुम जैसा सोचो मैं वैसी हूँ!
कुछ ऐसा ही है प्रेम हमारा , तुम मेरे नहीं , मैं फिर भी तुम्हारा। कुछ ऐसा ही है प्रेम हमारा , तुम मेरे नहीं , मैं फिर भी तुम्हारा।
घर से बाहर उनको जाना, नौकरी करके पैसा कमाना पति पर है अब रोब जमाना, बच्चे पालने का गया जमाना घर से बाहर उनको जाना, नौकरी करके पैसा कमाना पति पर है अब रोब जमाना, बच्चे पाल...